“मंथन” वैचारिक चिंतन का एक सामाजिक मंच
मंथन : स्वरुप और इतिहास सन 2015 की ही बात है. तपन जी उप्र के किसी सामाजिक सम्मेलन से लौटे थे और वहां की अव्यवस्था से काफी उचटे हुए-से थे. आपने एक पोस्ट लिखा कि क्या इस समूह के सदस्यों का भी एक वार्षिक मिलन होना चाहिए? मैं तब इस समूह का एडमिन सदस्य था और पोस्ट एडमिन समूह में...