अतिथि को देवता मानते हैं दुधमठिया गांव के लोग Bihar India 

अतिथि को देवता मानते हैं दुधमठिया गांव के लोग

बनारस के: मेरे पूर्वज कहते हैं कि हम बनारस के मूल निवासी हैं जहाँ से रघुनाथ बाबा जो बहुत बड़े कवि थे बेतिया राजा के दरबार में आये। उनकी कविता पर खुश होकर राजा ने उन्हें लगभग 651 बीघा जमीन दान में दे दिया। बाबा ने मठिया उर्फ़ भटवालिया गाँव को चुना और यहाँ रहने लगे। बाद में आवश्यकतानुसार हजाम धोबी अहीर सभी जाति...
बोकनारी गांव, जहां नौकरी वाले सबसे अधिक: संजीव Bihar India 

बोकनारी गांव, जहां नौकरी वाले सबसे अधिक: संजीव

हमारे गांव की कृषि वर्षा पर निर्भर है। गांव के लोगों में ज्यादा लोग नौकरी पेशा से जुड़े हुए हैं, जिस वजह से कृषि पे कम ध्यान देते है। पर, अगर कृषि होती है तो बहुत अच्छा होती है। लेखक: संजीव राय, पटना कहा जाता है कि हमारा देश भारत गांवों का देश है। मेरा गांव भी अपने देश के...
जिन्होंने जीवन पर्यन्त इंसानी रिश्ते को महत्व दिया Bihar India Jharkhand 

जिन्होंने जीवन पर्यन्त इंसानी रिश्ते को महत्व दिया

पिता स्व. शशिभूषण राय, पूर्व डीएसपी, बिहार: ऐसा व्यक्तित्व जिन्होंने जीवन पर्यन्त इंसानी रिश्ते को ही महत्व दिया। ऐसा व्यक्तित्व जिनको पिता, भाई, मामा, फूफा आदि जैसे पारिवारिक रिश्ता मात्र में बांधकर नही रखा जा सका। नवीन कुमार राय/जमशेदपुर आज वर्तमान विदेशी परंपरा के अनुसार फादर्स दिवस (16 June) है। वैसे माता-पिता के लिए एक विशेष दिवस हो, यह उचित...
प्रकृति की गोद में बसा मेरा यादवपुर हमेशा अपनी ओर खींचता है: आमोद India Jharkhand 

प्रकृति की गोद में बसा मेरा यादवपुर हमेशा अपनी ओर खींचता है: आमोद

धनबाद  शहर से सटा होने के कारण यादवपुर, गांव न होकर एक कस्बा जैसा प्रतीत होता है, जहाँ शहर का प्रभाव साफ झलकता है। यह प्रकृति की गोद में भी बसा हुआ है। इसके चारों तरफ जंगल और पहाड़ हैं। गांव के चारों तरफ प्राकृतिक नदियाँ हैं जो पूरी तरह से बारिश पर निर्भर करती हैं। लेखक: आमोद कुमार शर्मा/बोकारो स्टील...
आखिरकार सभी अपना उपनाम भट्ट क्यों रखें? Delhi India 

आखिरकार सभी अपना उपनाम भट्ट क्यों रखें?

कुछ लोग सरनेम बदल रहे हैं, कुछ नहीं कर रहे हैं…यह उनका अधिकार है कि वह कौन सा उपनाम रखें? हमें सामाजिक कुरीतियां ख्तम करने पर अधिक जोर देना चाहिए उसी से हम तरक्की भी कर सकेंगे न कि सरनेम से… राय तपन भारती/ New Delhi यह व्यवहारिक तौर पर संभव ही नहीं कि सभी लोग भट्ट सरनेम अपना लें,...
मौजूदा राजनीति में ब्राह्मण-भूमिहार कहां हैं ? Bihar India 

मौजूदा राजनीति में ब्राह्मण-भूमिहार कहां हैं ?

पूरे देश में महज 5 से 6 फीसदी ब्राह्मण-भूमिहार की आबादी राजनीति को नाथने का काम करती दिखती थी। लम्बे समय तक ऐसा होता दिखा। यह एक गलत परम्परा थी। किसी का वोट, राज किसी का। आखिर कब तक ऐसा चलता ? समय के चक्र में सब जमींदोज हो गए। अखिलेश अखिल, वरिष्ठ पत्रकार/नई दिल्ली ब्राह्मणवाद पराभव की ओर है। जैसी...
जब नालंदा में दुनिया का पहला विश्वविद्यालय देखा Bihar India Jharkhand 

जब नालंदा में दुनिया का पहला विश्वविद्यालय देखा

प्राचीन नालन्दा विश्वविद्यालय की गौरवशाली भूमि पर कदम रखते ही अत्यंत आनंद की अनुभूति हुई। प्रवेश द्वार से ही पर्यावरण की हरियाली चारों ओर इस विश्वविद्यालय के भग्नावशेषों में भी जान डाल रही थी। अत्यंत सुनियोजित ढंग से और विस्तृत क्षेत्र में लाल ईंट पथरों से बना हुआ नालंदा विश्वविद्यालय प्राचीन दुनिया का संभवत: पहला विश्वविद्यालय था, जहां न सिर्फ देश...
जब इंसान पेण्डुलम बन जाता है India Uttar Pradesh 

जब इंसान पेण्डुलम बन जाता है

कृपया बतायें यहाँ मेरा निर्णय क्या होना चाहिए था? प्रकृति द्वारा प्रदत्त सुख या दुःख व्यक्ति के जीवन का अभिन्न अंग है जिसके आनंद और ताप को नियंत्रित करने में इंसानी विवेक की भूमिका जीवन को सरल बना देती है! लेकिन कभी कभी वक्त इन दोनों से अलग मानवीय जीवन को असमन्जसता के एक ऐसे मुहाने पर खड़ा कर देता...
क्या भट्टों की सामान्य ब्राह्मणों में शादी होती है? Chattisgarh India Madhya Pradesh 

क्या भट्टों की सामान्य ब्राह्मणों में शादी होती है?

छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में अब भट्ट समाज से सामान्य ब्राह्मणों में लड़की दी और ली दोनों जा रही है। वो भी पूरे सम्मान के साथ यह जानते हुए भी कि हम ब्रह्मभट्ट हैं। प्रमोद ब्रह्मभट्ट, वरिष्ठ पत्रकार/ रायपुर कल से ही मैंने मैसेन्जर पर लोगों के सवालों का जवाब देना शुरू किया है। नई-नई तकनीकि को समय के साथ सीखना...
युवा-शक्ति के बल पर हम भारत को पुनः सजायेंगे Bihar India 

युवा-शक्ति के बल पर हम भारत को पुनः सजायेंगे

आलोक शर्मा/ महराजगंज, उत्तर प्रदेश युवा शक्ति है अद्भुत ताकत, भारत माँ के शान हो तुम; राष्ट्रवंश के हे! नव किसलय हम सबके सम्मान हो तुम! बाघ स्वयं की रक्षा कर ले, पशु योनि में आता है; गिरि कानन जो भ्रमण करे वह नव कुंजल कहलाता है! बन जाओ सिंह-भवानी के, गीता और कुरान हो तुम; राष्ट्र वंश के हे!...
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