आँखे खुलीं तो देखा कि बहन का ब्रीफकेस गायब
गर्मी की रात और तेज पूर्वी बयार। बैठे-बैठे आँखे झपकने लगी थी। चाहकर भी नींद रुक नहीं पा रही थी। बहन बैठी हुई कब सो चुकी थी मुझे पता ही नहीं चला। पांच मिनट मुश्किल से मेरी आँखे लगी होंगी। आँखे खुलीं तो देखा कि बहन का ब्रीफकेस गायब। श्रीकांत राय/पटना बात आज से 26 वर्ष पूर्व की याद आ...