ए मां, तेरी सूरत से भला भगवान की सूरत क्या होगी !
सोशल कमिटमेंट के लिए पापा को कई बार दोस्तों से कर्ज लेना पड़ता था : रंजना राय कहते हैं औरत घर की लक्ष्मी होती है मेरी मां साक्षात इसका प्रमाण थी। घर में कभी भी किसी तरह की कमी नहीं होती। ना उसके प्यार में कभी कमी आती।हालांकि घर की आर्थिक स्थिति उतनी अच्छी नहीं रहती थी। पापा की इकलौती कमाई थी।...