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BBW: एक बड़े कैनवास पर समाज को देखने का अनुभव India Uttar Pradesh 

BBW: एक बड़े कैनवास पर समाज को देखने का अनुभव

नजदीकी रिश्तेदारों के अलावा इर्द गिर्द 10-20 परिवार को जान लेना ही काफी नहीं। ब्रह्मभट्टवर्ल्ड  के जरिए बड़े कैनवास पर समाज को देखना एक सुखद अनुभव है। उनमें कुछ लोगों से संपर्क की अच्छी शुरुआत हुई। महेंद्र भट्ट/ इलाहाबाद ब्रह्मभट्ट वर्ल्ड से जुड़ने के बाद समाज का फैलाव महसूस हुआ। नजदीकी रिश्तेदारों के अलावा अपने इर्द गिर्द दस बीस परिवार...
अमेरिका में बिना मेडिकल बीमा नहीं रह सकते Abroad World 

अमेरिका में बिना मेडिकल बीमा नहीं रह सकते

अमेरिका यात्रा संस्मरण-2 महज ढ़ाई महीने की अवधि के अमेरिकी प्रवास के लिए हमदोनों पति-पत्नी ने चिकित्सा बीमा करा लिया है और इसके प्रीमियम के रूप में 67,000/-रूपये का भुगतान किया रामसुंदर द्सौंधी/शैंपेन शहर, इलोनाइस राज्य, USA अमेरिका मेें लोगों की स्वास्थ्य सेवाा व्यवस्था निजी क्षेत्र के मातहत हैैं। प्रायः सभी नौकरी पेशावाले लोग स्वास्थ्य बीमा (Health Insurance) केे तहत  कवर...
कम्हरिया गांव: लगभग हर घर सुखी संपन्न Bihar India 

कम्हरिया गांव: लगभग हर घर सुखी संपन्न

Dharmendra Ray/कम्हरिया, बक्सर जिला, बिहार आज मैं अपने गांव कम्हरिया का परिचय अपने ब्रह्मभट्ट समाज में कराने जा रहा हूं।  मेरा गांव बक्सर जिले के सदर अनुमंडल मैं पड़ता है बक्सर शहर और रेलवे स्टेशन से बक्सर बनारस मुख्य मार्ग पर बक्सर शहर से 7 किलोमीटर दूरी पर अवस्थित है मेरा गांव कम्हरिया।  उत्तरवाहिनी गंगा के तट पर अवस्थित है।  गांव...
दहेज नहीं, बहू चहिए Engr ABHINAV के लिए Bihar India 

दहेज नहीं, बहू चहिए Engr ABHINAV के लिए

इंजीनियर अभिनव के लिए बहू की खोज में सहयोग करें आपमें से बहुत सारे स्वजन पटना में बसे पुरैनी (मधेपुरा) के निर्मल कुमार रायजी को जानते होंगे। वे आरपीएफ के डिप्टी कमांडेंट पद से रिटायर हैं और समाजसेवा को सदैवा समर्पित रहते हैं। वे पटना मंथन में भी शरीक हुए थे। उन्होंने की दहेज विरोधी मुहिम का समर्थन करते हुए...
सुनो,अगर हाथ थामा है ,तो कभी छोड़ना मत Bihar India 

सुनो,अगर हाथ थामा है ,तो कभी छोड़ना मत

written by भारती रंजन कुमारी, दरभंगा, बिहार सुनो,अगर हाथ थामा है ,तो कभी छोड़ना मत। छोड़कर जाना होअगर,तो हाथ थामना मत।   तुम जैसे क्या समझेंगे बेवफाई का दर्द , तुम जैसे क्या समझेंगे रिश्तों का फर्ज, सुनो–दूर जाना है अगर,तो जरूर जाओ , मगर दुबारा वापस लौटकर ,कभीआना मत। मेरे तन मन को जिंदा लाश बनाना मत। छोड़कर जाना...
आखिर यह दहेज इतना डरावना क्यों है? Bihar India 

आखिर यह दहेज इतना डरावना क्यों है?

उस वक्त बेटों को वारिस एवं बेटियों को “पराया धन” समझा जाता था। इसलिए पिता अपनी बेटियों को उनका हक समझ कर अपनी चल संपत्ति में से उनके विवाह के अवसर पर उपहार देता था। संगीता राय/पूर्णिया, बिहार दहेज प्रथा हमारे समाज की एक पुरातन प्रथा है। हमारी पुरातन सामाजिक व्यवस्था ऐसी थी जहाँ एक पिता अपरोक्ष रूप से बेटी...
छपरा के भादपा गांव में हर तरह की बुनियादी सुविधाएं Bihar India 

छपरा के भादपा गांव में हर तरह की बुनियादी सुविधाएं

भादपा गांव से मात्र 5 किलोमीटर की दूरी पर प्रसिद्ध गोदना सिमरिया है जहां महर्षि गौतम ऋषि का आश्रम है। इसी आश्रम में भगवान श्रीराम ने माता अहिल्या को अपने चरणों से उद्धार किया था। आज भी श्रीराम भगवान का चरण स्थल इस मंदिर में हैं। Vivek Kumar Mishra/Greater Noida मैं एक बार पुनः आप सबको ब्रह्मभट्टवर्ल्ड के माध्यम से...
अमेरिका: पहले सारी सुविधाएं फिर बना सकते मकान Abroad World 

अमेरिका: पहले सारी सुविधाएं फिर बना सकते मकान

किसी भी भवन के चारों ओर बाउंड्री वाल का निर्माण नहीं होता  अमेरिका के इलोनाइस राज्य के शिकागो से 150 मील शैंपेन शहर है। उसी के पास सवोय नामक गांव में मैं ठहरा हुआ हूँ। यह गांव शैंपेन से बिल्कुल सटा हुआ है। यहां के आवासीय भवन विधिवत प्लान्ड कालोनियों की तरह हैं। सभी आवासीय भवन जमीन के नीचे और जमीन के...
गनगनिया की मनस्वी दिल्ली से जर्मनी पहुंची Bihar India 

गनगनिया की मनस्वी दिल्ली से जर्मनी पहुंची

Weekly Brahmbhattworld News on Every Monday: गनगनिया की मनस्वी एक्सचेंज एजुकेशन प्रोग्राम के तहत दिल्ली से जर्मनी पहुंची 1. गनगनिया के मूल निवासी औक इंदिरापुरम में बसे रवि शंकर सिंह, जो एक नामी कंपनी में सीनियर मैनेजर हैं और दिल्ली नगर निगम की चिकित्सक डा रश्मि रेखा की इकौलौती बेटी मनस्वी एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत पिछले सप्ताह जर्मनी के म्यूनिख...
इंग्लिशपुर का Aamazon-Flipkart Bazar Bihar India 

इंग्लिशपुर का Aamazon-Flipkart Bazar

ये TVS की मोपेड, महिलाओं का एक पूरा बाज़ार है इसकी तुलना AMAZON या FLIPKART से कर सकते। लेखक: धर्मेंद्र कुमार, डायरेक्टर at DHARMENDRA’S SOCIOLOGY, New Delhi उत्तर भारतीय पितृसत्तात्मक समाजों की तरह इंग्लिशपुर में भी महिलाएं दो प्रकार की होती हैं। बेटियां और बहुएं। बेटियों को थोड़ी आज़ादी होती है पर बहुएं (खास कर यंग) घरों में ही रहती हैं,।पर...
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